कहानी संग्रह >> तेरह हलफ़नामे तेरह हलफ़नामेअलका सरावगी
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ये कहानियाँ औरतों की लिखी हुई हैं। भारत महादेश के दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और उत्तर की दिशाओं की औरतों की। पर इन्हें जोड़नेवाला सूत्र सिर्फ यही नहीं है, इनमें कहानी की विधा को दिल के आर-पार ले जानेवाली करुणा, विस्मय और पीड़ा के साथ चौंकानेवाली ज़िन्दगियों के हलफ़नामे भी हैं। भारतीय लेखिकाओं का यह कहानी संग्रह ‘कथा’ द्वारा सन् 1998 में अंग्रेज़ी में ‘सेपरेट जर्नी’ के नाम से प्रकाशित हुआ था। कुछ कहानियाँ मेरी रुचि के अनुसार बदली गयीं। उर्दू और बांग्ला कहानियों का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से न करके सीधे उन्हीं भाषाओं से किया। स्वयं एक लेखिका होने के नाते इन पिछली पीढ़ी की कहानियों ने मुझे जिस तरह समृद्ध किया, मुझे यकीन है कि पाठकों को वैसा ही अनुभव होगा।
– अनुवादक की ओर से
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